धरमजयगढ़ । लगभग एक पखवाड़े के बाद भी धर्मजयगढ़ के दशहरा मैदान में लगने वाले मीनाबाजार का विवाद खत्म नहीं हो पाया है और यह विकास दिनोदिन बढ़ता जा रहा है.आपको बता दें मीनाबाजार के दो संचालकों द्वारा लगातार प्रतिस्पर्धा कहें या फिर अनुमति पाने की होड जारी है जिसमे एक के पास सत्तापक्ष के लोगो का समर्थन है तो दूसरे के पास मोटी रकम देने का प्रलोभन दिया जा रहा है ऐसे में मीनाबाजार के दोनों संचालकों को अनुमति नहीं मिल पा रही है।
मीना बाजार लगने से स्थानीय व्यापारियों की रोजी रोटी प्रभावित
आपको बता दे धरमजयगढ़ में होने वाला दुर्गापूजा और दशहरा उत्सव छत्तीसगढ़ में बस्तर के बाद दूसरे नंबर पर आता है जिसे लेकर स्थानीय और आसपास के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के छोटे बड़े दुकानदार साल भर इंतजार करते है ऐसे में मीनाबाजार के जरिए बाहर से आय हुए दुकानदार अनाप कीमत पर भारी भरकम कमाई करके यहां से चले जाते है और स्थानीय दुकानदार जो साल भर इस उत्सव का इंतजार करते है उन्हें मीना बाजार के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मीनाबाजार में आने वाले बाहरी दुकानदारों के बाजाय स्थानीय छोटे बड़े दुकानदारों को मौका दिया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र के लोगों को इसका फायदा मिल सके.
दशहरा की रात होती है हजारों की भीड़.मीनाबाजार लगने से अनहोनी की आशंका
धरमजयगढ़ का ऐतिहासिक दुर्गापूजा और दशहरा उत्सव को लेकर तैयारियों का शंखनाद कर दिया गया है ऐसे में एक तरफ जहां मीनाबाजार कई दिनों पहले से आकर यहां अपना तामझाम किए हुए है वहीं दूसरी तरफ इस मीनाबाजार को अनुमति नहीं मिलने से इनके संचालक परेशान देखे जा रहे है आपको बता दें प्रतिवर्ष दशहरा की रात हजारों की संख्या में भीड़ होती है और दशहरा मैदान में पैर रखने की जगह नहीं होती जिससे कई बार स्थानीय प्रशाशन को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में मीनाबाजार अधिकतर जगह पर अपना कब्जा जमाए होता है और लोगोंको मैदान में घुसने के लिए जगह कम पड़ जाती है जिससे कई बार अनहोनी की आशंका बन जाती है ऐसे में मीनाबाजार को अनुमति ना हो दिया जाय तो अच्छा है ताकि दशहरा मैदान में लोग पहुंच सकें और आनंद मेला का आनंद उठा सकें।










