हिन्दी समाचार : धरमजयगढ़
नवरात्र का जिक्र हो और गरबा-डांडिया की बात न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है.भक्ति, संगीत और नृत्य का यह अनोखा संगम हर साल नवरात्रि की शुरुआती रात धरमजयगढ़ के दशहरा मैदान को रंगीन बना देता है। इस बार नवरात्र के त्योहार में दो दिनों तक आयोजित होने वाले गरबा नाइट की धूम मची हुई है जिसमें नगर की युवतियां और महिलाओं सहित छोटी बच्चियों ने सजधजकर जो समा बांधा वो तारीफ के काबिल रहा साथ ही इस आयोजन को सफल बना दिया शुक्रवार की शाम मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के आगमन के साथ ही गरबा नाइट का आयोजन किया गया जो देर रात तक चला वहीं शनिवार यानी कि आज की रात गरबा महोत्सव की अंतिम रात है जिसे लेकर दर्शकों में भी भारी उत्साह बना हुआ है।आपको बता दें गरबा मां शक्ति की आराधना का प्रतीक है, जिसमें गोल घेरा बनाकर नृत्य किया जाता है। यह घेरा जीवन और ऊर्जा के निरंतर चक्र का प्रतीक माना जाता है। वहीं, डांडिया की खटखटाहट वातावरण में जोश भर देती है। पारंपरिक चनिया-चोली, केडियू और बंधनी परिधान पहनकर जब नगर की महिलाएं युवतियां और छोटे बच्चे एक साथ झूमते हैं, तो माहौल दिव्य और उल्लासपूर्ण हो जाता है।











